GST रिफंड के नाम पर देश भर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। कई कारोबारी फर्जी कंपनियों के नाम पर हजारों करोड़ का जीएसटी रिफंड ले रहे है। इन मामलो को देखते हुये अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क विभाग ( CBIC ) निर्यातकोंं से लेकर घरेलू स्तर के कारोबारियों को नोटिस भेजकर सबाल - जवाब कर रहा है।
CBIC के सूत्रों के मुताबिक जीएसटी के मामले में देशभर में कम - से - कम 24 से 25 हजार करोड़ रुपये के घपले की जाँच की जा रही है । कई मामले में जाँच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। लेकिन कोरोना के चलते कार्रवाई को टाल दिया है। कोरोना काल में GST कलैक्शन में पहले से ही गिरावट चल रही है। ऐसे में कार्रवाई शुरू होने पर कारोबारियों के बीच विपरीत संदेश जाएगा। इससे कलैक्शन भी प्रभावित हो सकता है।
हाँलाकि GST के नाम पर होने वाले घपले को रोकने के लिए सीबीआइसी ने अगस्त में GST रजिस्ट्रेशन के लिये आधार अनिवार्य कर दिया। आधार वेरिफिकेशन नहीं कराने वाले कारोबारियों के पते का सीबीआइसी अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद ही रजिस्ट्रेशन हो पाएगा।
CBIC केे मुुुताबिक जीएसटी जालसाजी के अधिकतर मामलों मेंं जीएसटी दिए बगैर कारोबारी इनपुट क्रेडिट क्लेम करते है। इसके लिए फर्जी कंंपनियांं बनाकर काागजो पर बस्तु की बिक्री दिखाई जाती है। GST मामलों के विशेषज्ञ एवंं CA प्रवीण शर्मा ने बताया कि कई माामलेे तो ऐसे मिले है , जब कारोबारियों का इनपुट क्रेडित सरकार को मिलने वाले जीएसटी से अधिक हो जाता है। मतलब उलटा सरकार को ही कारोबारियों को पैसा लौटााना पड़ता है। यही वजह है कि इन दिनोंं हर तीसरे कारोबारी को CBIC के नोटिस मिल रहेें है। जिनमें उनसे इनपुट क्रेेडित की विस्तृत जानकारी माँगी जा रही है।
उन्होंने बताया कि माल की आपूूर्ति के बिना ही फर्जी कंपनियों में कागज पर आपूूर्ति दिखा दी जाती हैं। इससें काारोबारी इनपुट क्रेडिट का दाावेदार हो जाता हैंं। और उसकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है।
CBIC ने बताया कि फर्जी कंपनी खोलने का बड़ा गैंग काम कर रहा हैं। जो दूसरो के आधार नंबर और पैन का स्तेमाल इस काम के लिए करता हैं। कई बार जाँच में यह सामने आया है कि जिसके नाम पर फर्जी कंपनी और फर्जी खाते चल रहे है , उसे इसका पता भी नही हैं। उस फर्जी खातेंं में ही सरकार से क्लेम लिया जाता है। जाँच से सैकड़ों ऐसी कंपनियों की जानकारी सामने आई है जो किसी भी पते पर नहीं चलती है। GST रिफंड के मामले में 7000 निर्यातकों पर नजर है। और इनकी भी जाँच जारी है।
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