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सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

घरों तक पहुंचेगा सरकारी बैंक , मिलेगी जमा निकासी सुविधा

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 अब सरकारी बैंक आपके दरवाजे तक पहुंचेंगे। इस वर्ष अक्टूबर से ग्राहक घर पर भी नकदी जमा कराने और निकासी की सुविधा ले सकेगें। शुरुआत में 100 शहरों में यह सुविधा उपलब्ध होगी। इस काम के लिए अलग से डोरस्टेप बैंकिंग एजेंट नियुक्त किए जाएंगे। देश के सभी सरकारी बैंक डोरस्टेप बैकिंग सुविधा देगें। घर के दरवाजे पर वित्तीय सेवा हासिल करने के लिए मामूली शुल्क भी देना पड़ेगा। अभी हाल ही में 9 सितंबर को डोरस्टेप बैंकिंग सेवा का अनावरण किया गया।  डोरस्टेप बैकिंग सेवा में वरिष्ठ नागरिक , विधवा , विकलांग, आर्मी स्टाफ , सीआरपीएफ , छात्र , सैलरी वालें कर्मचारी , कारपोरेट ग्राहक , खुदरा दुकानदार , और रेहड़ी पटरी वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। कस्टमर केयर , बेव पोर्टल और मोबाइल एप के जरिये ग्राहक डोरस्टेप बैंकिंग सेवा की गुजारिश कर सकता है। अभी चेक बुक हासिल करने और डिमांड ड्राफ्ट व डिपाँजिट रसीद मंगाने जैसी - गैर वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध है। डोरस्टेप बैकिंग के तहित सेेवा की मााँँग करते ही एजेंंट के पास इसकी सूचना चली जाएगी। ग्राहक एप या पोर्टल के जरिये यह जानकारी रख सकता है , कि उस वक्त ऐजेंट कहाँ पर है।  अगर क

घरों तक पहुंचेगा सरकारी बैंक , मिलेगी जमा निकासी सुविधा

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 अब सरकारी बैंक आपके दरवाजे तक पहुंचेंगे। इस वर्ष अक्टूबर से ग्राहक घर पर भी नकदी जमा कराने और निकासी की सुविधा ले सकेगें। शुरुआत में 100 शहरों में यह सुविधा उपलब्ध होगी। इस काम के लिए अलग से डोरस्टेप बैंकिंग एजेंट नियुक्त किए जाएंगे। देश के सभी सरकारी बैंक डोरस्टेप बैकिंग सुविधा देगें। घर के दरवाजे पर वित्तीय सेवा हासिल करने के लिए मामूली शुल्क भी देना पड़ेगा। अभी हाल ही में 9 सितंबर को डोरस्टेप बैंकिंग सेवा का अनावरण किया गया।  डोरस्टेप बैकिंग सेवा में वरिष्ठ नागरिक , विधवा , विकलांग, आर्मी स्टाफ , सीआरपीएफ , छात्र , सैलरी वालें कर्मचारी , कारपोरेट ग्राहक , खुदरा दुकानदार , और रेहड़ी पटरी वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। कस्टमर केयर , बेव पोर्टल और मोबाइल एप के जरिये ग्राहक डोरस्टेप बैंकिंग सेवा की गुजारिश कर सकता है। अभी चेक बुक हासिल करने और डिमांड ड्राफ्ट व डिपाँजिट रसीद मंगाने जैसी - गैर वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध है। डोरस्टेप बैकिंग के तहित सेेवा की मााँँग करते ही एजेंंट के पास इसकी सूचना चली जाएगी। ग्राहक एप या पोर्टल के जरिये यह जानकारी रख सकता है , कि उस वक्त ऐजेंट कहाँ पर है।  अगर क

भारत बना दुनिया का सोलर बैंक

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 भारत तेजी से दुनिया का सोलर बैंक बनता जा रहा है। इस क्षेत्र में अपनी बढ़ती क्षमता के दम पर भारत 47 देशों में सौर परियोजनाएं विकसित करने में मदद करेगा। इन देशो की सूचींं में विकासशील एवं पिछड़े देश शामिल हैं। ये सभी देश  इंटरनेशनल सोलर अलायंस  के सदस्य है। ISA द्वारा वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित वल्ड सोलर टेक्नोलॉजी समिट में ISA एवं भारत के नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से इस संबंध में समझौते किए गये। इसके तहित पिछड़े देशो में सौर परियोजनाओं के विकास में भारत मदद करेगा। विभिन्न देशो में सौर परियोजनाएं विकसित करने में बिजली उत्पादन क्षेत्र की अग्रणी कंपनी NTPC मुख्य भूमिका निभाएंगी। भारत पिछले दो साल से 15 देशो में 27 सौर परियोजनाओं के विकास में पहले से ही मदद कर रहा है। भारत AXIM बैंक के माध्यम से इन देशोंं को 1.4 अरब डाँलर की सहायता भी दे रहा है। भााा तेेजी से सौर उपकरणों का मैन्युफैक्चरिंग हब भी बन  रहा है। पैट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंंत्री धर्मेंद्र प्रधान नेे बताया कि भारत के समक्ष 10,000 मेगावाट क्षमताा के सौर उपकरण निर्माण का प्रस्ताव आया है।  अब देश में सौर परियोजनाओं की ला

GST रिफंड में हो रहा हजारों करोड़ का झोल

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GST रिफंड के नाम पर देश भर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। कई कारोबारी फर्जी कंपनियों के नाम पर हजारों करोड़ का जीएसटी रिफंड ले रहे है। इन मामलो को देखते हुये अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क विभाग ( CBIC ) निर्यातकोंं से लेकर घरेलू स्तर के कारोबारियों को नोटिस भेजकर सबाल - जवाब कर रहा है। CBIC के सूत्रों के मुताबिक जीएसटी के मामले में देशभर में कम - से - कम 24 से 25 हजार करोड़ रुपये के घपले की जाँच की जा रही है । कई मामले में जाँच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। लेकिन कोरोना के चलते कार्रवाई को टाल दिया है। कोरोना काल में GST कलैक्शन में पहले से ही गिरावट चल रही है। ऐसे में कार्रवाई शुरू होने पर कारोबारियों के बीच विपरीत संदेश जाएगा। इससे कलैक्शन भी प्रभावित हो सकता है।  हाँलाकि GST के नाम पर होने वाले घपले को रोकने के लिए सीबीआइसी ने अगस्त में GST रजिस्ट्रेशन के लिये आधार अनिवार्य कर दिया। आधार वेरिफिकेशन नहीं कराने वाले कारोबारियों के पते का सीबीआइसी अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद ही रजिस्ट्रेशन हो पाएगा। CBIC केे मुुुताबिक जीएसटी जालसाजी के अधिकतर मामलों मेंं जीएसटी दिए बगैर कारोबारी इनपुट क

भाषा की महत्ता समझे

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 नई शिक्षा नीति की सबसे विशिष्ट बात भारतीय भाषाओं को भी महत्व देना है। और यदि नई शिक्षा नीति के पालन में भारतीय भाषा के प्रति लगाव पैदा किया जा सके , तो एक महान कार्य हो सकता हैं। बरना हम पश्चिमी भाषा के गुलाम बनते चले जाएंगे।  महान कवि और समाज सुधारक अज्ञेय जी कहना था , कि भाषा कल्पवृक्ष है। श्रद्धापूर्वक जो उससे मांगो , वह देती है। यदि उससे कुछ मांगा ही न जाय तो कल्पवृक्ष भी कुछ नहीं देता है। दुर्भाग्यवश अतीत में भाषा का प्रशन  झूठी समझ और राजनीति में फंसकर उपेक्षित रहा । हम भूल गए कि भाषा के साथ मनुष्य का संबंध क्या हैं? याद रहे पहले भाषा ही हमे बनाती है। जिस भाषा को हम जन्म से ही सुनते , जानते है। और जिस परिवेश में रहते है उसी से हम जाने जाते है। यदि उसी की उपेक्षा कर बचपन से ही अन्य भाषा की आराधना हो तो , बच्चे प्रायः किसी भाषा पर अधिकार नही कर पाते । और उनका व्यक्तित्व अधूरा ही रह जाता है। विश्व के सभी शिक्षा चिंतको ने माना है। कि बच्चों को अपनी भाषा पहले अच्छी तरह सीखनी चाहिए। इसके लिए भाषा का श्रेष्ठतम साहित्य पढ़ना ही एक मात्र साधन है अभी यहाँ ऐसा नही हो रहा है। लगभग सारा ध्यान

Biography of Bharat Ratna Pranav Mukherjee

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सक्रिय राजनीति को चार दशक से भी ज्यादा दे चुके प्रणब मुखर्जी को उनके तेज दिमाग , शानदार याददाश्त , चलती - फिरती एनसाइक्लोपीडिया , संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ और संसद के कायदे - कानूनों का पालन करने वाले नेता के तौर पर जाना गया। वह देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति रहे जिनके पास सक्रिय राजनीति का इतना लंबा अनुभव था। जुुुलाई 1969 में रााज्यसभा की सबसे पीछे वाली सीट पर बैैैठकर अपना रााजनीतिक सफर शुरू किया। और जुलाई 2012 में देश के सर्वोच्च नागरिक (राष्ट्रपति)  बनकर उन्होंने सक्रिय राजनीति को अलविदा कहा।  प्रणव मुखर्जी ने अपने राजनीतिक दौर को तीन पुस्तकों में समेटा। इनकी तीन पुस्तकें है। 1 -  द  ड्रामैटिक डिकेड : द इंदिरा गांधी इयर्स 2 -  द  टर्बुलेन्ट इयर्स 3 -  द  कोएलीशन इयर्स प्रणव मुखर्जी का पोल्टू से प्रथम नागरिक तक का सफर **  11 दिसंबर 1935 : बीरभूम के मिराती में जन्म। **  शिक्षा -  एम.ए ( राजनीतिक विज्ञान ) , एम.ए (इतिहास)        एल.एल.बी  **  13 जुलाई  1957 : सुभ्रा मुखर्जी से शादी। **  जुलाई 1969 : पहली बार राज्यसभा सदस्य बने। ** जनवरी 1973 : 39 साल की उम्र में पहली बार मंत्री बने। **