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अगस्त, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

घरों तक पहुंचेगा सरकारी बैंक , मिलेगी जमा निकासी सुविधा

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 अब सरकारी बैंक आपके दरवाजे तक पहुंचेंगे। इस वर्ष अक्टूबर से ग्राहक घर पर भी नकदी जमा कराने और निकासी की सुविधा ले सकेगें। शुरुआत में 100 शहरों में यह सुविधा उपलब्ध होगी। इस काम के लिए अलग से डोरस्टेप बैंकिंग एजेंट नियुक्त किए जाएंगे। देश के सभी सरकारी बैंक डोरस्टेप बैकिंग सुविधा देगें। घर के दरवाजे पर वित्तीय सेवा हासिल करने के लिए मामूली शुल्क भी देना पड़ेगा। अभी हाल ही में 9 सितंबर को डोरस्टेप बैंकिंग सेवा का अनावरण किया गया।  डोरस्टेप बैकिंग सेवा में वरिष्ठ नागरिक , विधवा , विकलांग, आर्मी स्टाफ , सीआरपीएफ , छात्र , सैलरी वालें कर्मचारी , कारपोरेट ग्राहक , खुदरा दुकानदार , और रेहड़ी पटरी वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। कस्टमर केयर , बेव पोर्टल और मोबाइल एप के जरिये ग्राहक डोरस्टेप बैंकिंग सेवा की गुजारिश कर सकता है। अभी चेक बुक हासिल करने और डिमांड ड्राफ्ट व डिपाँजिट रसीद मंगाने जैसी - गैर वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध है। डोरस्टेप बैकिंग के तहित सेेवा की मााँँग करते ही एजेंंट के पास इसकी सूचना चली जाएगी। ग्राहक एप या पोर्टल के जरिये यह जानकारी रख सकता है , कि उस वक्त ऐजेंट कहाँ पर है।  अगर क

दुनिया की सबसे ऊंची सड़क सुरंग बनकर तैयार

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 भारत में दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग बनकर तैयार हो गई है।और सितंबर 2020 से आम लोगों की आवाजाही के लिए खोल दी जाएंगी। यह सुरंग हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे के पास बनाई गई हैं। शुरुआत में यह परियोजना 8.8 किमी लंबी थी , लेकिन पूरा होने के बाद ली गई GPS रीडिंग में इसकी लम्बाई 9 किमी निकली है। पहले इस सुरंग का नाम रोहतांग सुरंग था जिसे अभी बदलकर अटल सुरंग कर दिया गया। सुरंग की विशेषताएं **  यह सुरंग 10 हजार फीट की ऊंंचाई पर स्थित है। **  इस सुरंग में प्रत्येक 150 मीटर की दूरी पर एक टेलीफोन        है। **  इस सुरंग में प्रत्येक 250 मीटर की दूरी पर आँटोमेटिक          इंसीडेंट डिटेक्टिव सिस्टम के साथ सीसीटीवी कैमरे लगे        है। **  इस सुरंग में प्रत्येक 60 मीटर की दूरी पर अग्निरोधी              उपकरण मौजूद हैं। **  इस सुरंग में प्रत्येक 500 मीटर पर आपातकालीन                निकास है , और प्रत्येक 2.2 किमी पर गुफानुमा मोड़ है। **  इस सुरंग में हर एक किलोमीटर पर हवा की गुणवत्ता            बताने वाले माँनीटर लगे है।  **  बीआरओ अधिकारियों के मुताबिक इस सुरंग में वाहनों          की अधिकतम गति 80 क

भारत के नीलकंठ भानु बने दुनिया के सबसे तेज मानव कैलकुलेटर

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लंदन मे आयोजित माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड (MSO) में मानसिक गणना विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर नीलकंठ भानु प्रकाश ने दुनिया के सबसे तेज मानव कैलकुलेटर के रूप में ख्याति हाशिल की है।  नीलकंठ भानु दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस काँलेज से गणित में स्नातक कर रहे है। वह माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड प्रतियोगिता जीतने वाले पहले भारतीय बने है।  भानु का गणित से दोस्ती का सफर नीलकंठ भानु ने बताया कि गणित से दोस्ती का सफर पाँच वर्ष की उम्र में शुरू हुआ था। दरअसल वे 5 साल की उम्र में एक हादसे का शिकार हुयें थे। जिससे उनके सिर में चोट लगी थी। इसके बाद वह पूरे वर्ष बिस्तर पर पड़े रहे। वही चिकित्सको ने कहा था कि उनकी देखने - सुनने - समझने की क्षमता पर चोट का असर पड़ सकता है। तो वो अपने दिमाग को व्यस्त रखने के मकसद से अखवारों में छपने वाली गणित की गुत्थियों को सुलझाने लगे।                                              शुरुआत में स्कूली स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में भाग लिया और वह एक के बाद एक प्रतियोगिता जीतते चले गये। इसके बाद उन्होंने राज्य और उसके वाद राष्ट्रीय और फिर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोग

B व C ग्रुप की सरकारी नौकरियों के लिए अब एक काँमन टेस्ट CET

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सरकारी भर्ती प्रक्रिया में सुधार की बड़ी पहल करते हुऐ केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के गठन को मंजूरी दे दी हैं। इसके तहित अब ग्रुप B और C के नाँँन टेक्निकल पदो पर भर्ती के लिए आवेदकों को एक ही आँनलाईन काँमन एलिजिबिलिटी टेस्ट  (CET) देना होगा। इस टेस्ट के आधार पर वे अलग - अलग विभागों में भर्ती के लिए मुख्य परीक्षाओं में शामिल होने के लिए पात्र होगें। CET में सफल अभ्यर्थी तीन साल सीधे मुख्य परीक्षा दे सकेगा।  CET की प्रमुख विशेषताएं -- **  राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी साल में 2 बार CET का आयोजन           करेगी। **  CET के रजिस्ट्रेशन से लेकर परीक्षा व मेरिट लिस्ट सब          आँनलाइन होगी। **  12 लोकल भाषाओं में दिया जाएगा CET में शामिल            होने का विकल्प। **  10वी , 12 वी और स्नातक पास आवेदको के लिए होगे        अलग - अलग  टेस्ट। **  मानक पाठ्यक्रम के आधार पर पूछे  जाएंगे प्रश्न। **  सुरक्षा के उच्च मापदंड अपनाए जाएंगे। और टेस्ट के            तुरंत बाद नतीजा मिल जाएगा। **  अधिकतम उम्र सीमा तक कई बार दे सकेगे परीक्षा। **  CET में सफल अभ्यर्थी 3 साल तक सीधे मुख्य परीक्षा

लो आ गई किसानों के लिए खुशहाली लाने वाली किसान ट्रेन

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  भारतीय कृषि की बदहाली की बड़ी बजह यह रही है , कि यहाँ सभी फसलो के उत्पादन पर ध्यान नहीं दिया गया।  इसके अलावा कृषि उपज के भंडारण, विपणन, प्रसंस्करण की ऐकीकृत नीति भी नहीं बन पाई। यही कारण हैं कि कभी आलू , तो कभी प्याज , तो कभी टमाटर सड़को पर फेंके जाते हैं। और कभी - कभी इनके मूल्य इतने ज्यादा हो जाते है कि आम आदमी को लेने पसीना छूट जाता हैं।                                लेकिन अब यह समस्या दूर होने वाली है। भारतीय रेलवे ने देश के एक छोर से दूसरे छोर तक ताजी सब्जी , फल , फूल आदि पहुंचाने के लिए किसान रेल सेवा  शुरू की हैं। गत दिनों पहली किसान पार्सल ट्रेन महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच चली। यह ट्रेन पूरी तरह वातानुकूलित है। एक तरह से यह पटरी पर दौड़ता हुआ कोल्ड स्टोरेज हैं। यह ट्रेन मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगी। और 14 स्टेशनों पर रुकेगी। जहाँ छोटे- बड़े सभी किसान अपनी सब्जियों , फलों एवं अन्य खाद्य सामग्री की बुकिंग करा सकेंगे।                             जैसे - जैसे देश के दूसरे हिस्सों से किसान रेल की माँग आएगी। वैसे- वैसे ऐसी ट्रेनो की संख्या बढ़ाई जाएगी

जय - जय - जय जन गण वन्दन गीत

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जय - जय - जय जन गण वन्दन, भारत माँ का यह पावन सरगम । सुर संस्कृति की नदियों में बहती, धाराओं का अविरल स्पन्दन। इस सरगम का धर्म आन हैं, नीतिवान और पौरूष हैं इसकी शान। पर हम भूल गये थे ये सरगम, याद रहा केवल अपना मन। हम बने अनेकों से बसे अनेको में, पर मन बसता इस इस सरगम में। ऐसे सरगम की जयगाथा में, हम राष्ट्र धर्म का करते वन्दन। जय - जय - जय जन गण वन्दन, भारत माँ का यह पावन सरगम। आज खड़े नमन कर रहे, अपनी झाँसी रानी का बलिदान। और संजो रहे अपनी स्मृतियों में, अमर सपूतों का गुणगान। ऐसी बलिदानी माटी से सृजित हुआ, यह तीन रंगों का पावन परचम। जय - जय - जय जन गण वन्दन, भारत माँ का यह पावन सरगम। पुष्पांजलि हम अर्पित करते, सरगम के इस अर्चन की। ऐसे अर्चन से फलीभूत हो, हम सबके अन्तः समन। राष्ट्र धर्म का ऐसा पावन सरगम, अब क्यों भूलते जा रहे है हम। आज इस सरगम की वर्षगांठ पर, हम सब करते है अभिनन्दन। जय - जय - जय जन गण वन्दन, भारत माँ का यह पावन सरगम।

कृष्ण एक नाम नहीं जीवन की सीख हैं

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होठों पर मुरली, गले मे पीताम्बर, सिर पर मोर मुकुट लगाये, भगवान कृष्ण जिनका नाम सुनते ही हर किसी का सिर श्रद्धा से झुक जाता है। ऐसे भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने अपना सारा जीवन मानव कल्याण के लिये लगाया। उनके द्वारा कही गई एक - एक वाणीं इस मानव जीवन के लिए वरदान हैं।                                            किन्तु अब समय बदल गया है। अब हमारा समाज आधुनिकता की ओर बड़ रहा है। और ये सही भी है, परिवर्तन संसार का नियम है। कृष्ण भी कहते है कि -  " विनाश ही नये स्रजन की नीव है "  किन्तु आज का युवा इस नये दौर की भागदौड़ में इस तरह खो गया हैं, कि उसके नीति, चरित्र, समाज के प्रति कर्तव्य आदि सब का बिनाश हो रहा है। ऐसे में अगर वह भगवान श्री कृष्ण के द्वारा भगवत गीता में कही गई बातों का अपने जीवन में थोड़ा भी अनुसरण कर ले तो उसे इस भागदौड़ भरे जीवन में शांति, संतुष्टि और सही मायने में जीवन जीने की सीख मिलेगी। भगवान श्री कृष्ण के द्वारा गीता में कही गई कुछ बातों अंश  ●●●  कर्म करो , कर्म के फल में आशक्ति मत रखो। ●●●  जीवन न तो भविष्य में है और न हीं अतीत में हैं, जीवन          तो केवल इस पल में

अब नागर शैली में बनेगा भव्य राम मन्दिर

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 मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जिनका नाम सुनते ही हर किसी का सिर श्रद्धा से झुक जाता हैं। अब वर्षों बाद उनका भव्य मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा है। मंदिर की भव्यता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है , कि मंदिर के पुराने मौडल को परवर्तित करके अब नया मौडल तैयार किया गया है। जिससे कि मंदिर और भी ज्यादा भव्य बने।  मंदिर की ऊँचाई में 33 फीट की वृद्धि पुराने डिजाइन में मंदिर की प्रस्तावित ऊँँचाई 128 फीट थी , किन्तु देश - विदेश के करोड़ों लोगों की मंदिर में गहिन आस्था के चलते मंदिर के डिजाइन को परवर्तित किया गया है। अब मंदिर और भी ज्यादा भव्य बनेगा। और अब मंदिर की नई ऊँचाई 161 फीट होगी। मंदिर में अब तीन कि जगह पाँच गुम्बद होगे मंदिर की भव्यता को और भी ज्यादा बढाने के लिए अब मंदिर मे गुम्बदों की संख्या को तीन से बढ़ाकर पांच कर दिया है। राम मंदिर की पाँचों गुम्बदों के नीचें के हिस्से मे चार हिस्से होगे, जिसमे सिंहद्वारा , नृत्यमंडप और रंगमंडप होगी। यहाँ श्रद्धालुओं के बैठने, विचरण करने के लिए स्थान रहेगा। मंदिर अब 2 नहीं 3 मंजिल का होगा राम मंदिर के प्रस्तावित नये माँडल में अब भवन की इमारत

कालापानी का खौफनाक सच

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कालापानी जिसका नाम सुनकर 1900 के दशक के लोग थर-थर कापने लगते थे। कालापानी जिसे पृथ्वी के नरक की संज्ञा दी गई थी , लोग कालापानी की सजा कि बजाय मरना पसंद करते थे। और आज भी किसी बुजुर्ग व्यक्ति से कालापानी के इतिहास के बारे मे पूछने पर उनकी आँखों में  वो डर नजर आ जाता हैं। किन्तु आज की पीढी के लोग कालापानी के खौफनाक इतिहास से अनभिज्ञ है। आइये इस लेख में हम लोग उस कालापानी के काले इतिहास के बारे मे जानने की कोशिश करते है। कालापानी या जिसे सेलुलर जेल के नाम से भी जाना जाता हैं, जिसका निर्माम अंग्रेजों ने अंडमान निकोबार द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में कराया था। अंग्रेजों द्वारा यह जेल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियोंं को कैद रखने के लिए बनाई गई थी। यह जेल भारत से कई किलोमीटर दूर बीच समुद्र मेंं बनी थी। और एक बार जो भी इस जेल मे आ जाता था , बो कभी भी बाहर नहीं निकल पाता था और अपने मरते दम तक कड़ी से कड़ी यातनाएं सहन करते थे। जिस किसी को भी कालापानी की सजा मिली , उसे जीते-जी नरक में भेज दिया गया। यह सजा मौत से भी बदतर है। कालापानी जेल का निर्माण कालापानी जेल का निर्माण 1896 मे प्रारम

नई शिक्षा नीति 2020

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देश मे नई शिक्षा नीति का बिल पारित हो चुका है। और शायद पहली बार ऐसा हुआ है कि शिक्षा नीति को बनाने के लिए देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों , 6600 ब्लॉक और 676 जिलों के शिक्षाविदों , अध्यापकों, अभिभावकों और छात्रों तक से सलाह ली गई हैं।  इस शिक्षा नीति ने देश की शिक्षा का स्वरूप ही परवर्तित परवर्तित कर दिया है। नई शिक्षा नीति के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं। (1) -  10+2 की जगह 5+3+3+4 के पैटर्न पर  अब स्कूली शिक्षा का ढ़ाचा चार स्तर का होगा। जिनमें पहला फाउंडेशन स्तर होगा, जो 5 साल का होगा। फिर प्रारंभिक स्तर और मिडिल स्तर तीन- तीन साल के होगे। और सेकेंडरी स्तर चार साल का होगा।                           इसमें फाउंडेशन स्तर प्री- प्राइमरी से लेकर दूसरी कक्षा तक के लिए होगा। प्रारम्भिक स्तर कक्षा तीन से पांच , मिडिल स्तर कक्षा छह से आठ और सेकेंडरी स्तर कक्षा 9 से 12 तक के लिए होगा।   (2) -  अब अपनी मर्जी से चुनें विषय भविष्य की जरूरत को देखकर युवाओं को अब अपनी मर्जी के हिसाब से अपना पसंदीदा विषय चुनने का अधिकार होगा। अभी तक कला , विज्ञान और काँमर्स के विभिन्न कोर्स के लिए छात्रों को पहले से तय